नई दिल्ली.28 अगस्त।
सुनील कुमार जांगड़ा.

25 अगस्त 1975 से केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में चयनित 34 सीधे नियुक्त राजपत्रित अधिकारियों के 15वें बैच का एक वर्ष का बेसिक प्रशिक्षण आन्तरिक सुरक्षा एकाडेमी माउन्ट आबू राजस्थान में शुरू हुआ था। समय का पहिया घूमते देर नहीं लगती। सभी अधिकारी देश के अलग अलग राज्यों में तथा अलग अलग विभागों में नौकरी करने के उपरान्त रिटायर होते चले गए। कई साथियों ने डेसु, सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया, आई टी पी ओ, ओ एन जी सी, पंजाब पुलिस,एस पी जी,एन एस जी, उत्तर प्रदेश पुलिस आदि विभागों में भी अपनी सेवाएं बखूबी दी। हमारे 8 प्रिय साथी समय के साथ ईश्वर को प्यारे हो गए जिनकी आज यादें बाकी है। इनमें श्री मदन सिंह राघव, अनिल दुग्गल, अमर सिंह,सैम काजमी, आर एस सहोता,एम के दोस, सुशील शर्मा व हरजिंदर सिंह थे। इस विशेष अवसर पर उन्हें याद कर उनकी पुण्य आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया तथा उननकी याद में श्री एच आर सिंह द्वारा निम्न लघु कविता के रूप में श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
अनिल, काजमी और रघुवीर,
मदन, एम के दोस, सुशील,
हरजिंदर संग अमर अमीर,
छोड गए सब हमें अधीर।

कभी जो थे हम सबके प्यारे,
आज नहीं है बीच हमारे,
याद कर रहे उन्हें नमन कर,
आज भी हैं आंखों के तारे।

बीत गए हैं साल पचास,
सब लगते हैं आस ही पास,
सभी चढ़ाएं श्रद्धा के फूल,
कभी न जाएं उनको भूल।।

पांच साथियों ने अपने सेवाकाल में अद्भुत बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए शोर्य चक्र, वीरता पदक बार सहित व सेना मेडल अर्जित किए तथा कई साथियों ने विशिष्ट सेवा तथा सराहनीय सेवाओं के लिए पदक अर्जित किए। अपनी मेहनत और काबिलियत के कारण बैच के अधिकारियों को सर्वोच्च पद से रिटायर होने का गौरव प्राप्त हुआ। 50 साल पूरे होने पर इन्होंने आन्तरिक सुरक्षा एकाडेमी माउन्ट आबू में बड़ी धूमधाम से अपने बेटे-बेटियों तथा पोते- पोतियों सहित सपरिवार पहूंच कर गोल्डन जुबिली पुनर्मिलन समारोह मनाया। एकाडेमी के वर्तमान डायरेक्टर/पुलिस महानिरीक्षक श्री दर्शन लाल गोला ने अपनी पूरी टीम के साथ इनकी अगुवाई की। इस यादगार अवसर पर पुरुषों को एक सुंदर स्मृति चिन्ह तथा महिलाओं को एक एक स्टोल से सम्मानित किया गया। बच्चों को भी उम्र के अनुसार चोकलेट व टाई देकर सम्मानित किया गया।यह एक ऐसा यादगार पल था जब तीन पीढ़ियों का मिलन संभव हो पाया। कनाडा से आए श्री रमेश चन्द्र के पुत्र कमलेश का जन्म दिन भी 24 अगस्त को केक काटकर बड़े उल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। तमिलनाडु से आए श्री कृष्णा मूर्ति अय्यर की पुत्री लक्ष्मी जो बैंगलोर में रहती है को एक भावुक प्रस्तुति के दौरान आंखों में आंसू छलक पड़े जिसने सभी को बहुत भावुक कर दिया। श्री सत्यम रेड्डी भी हैदराबाद से अपने बेटे,बहु व पोते सहित शामिल हुए।
कई साथी श्री लक्ष्मी नारायण, मुरली धरण, अमरजीत बरार तथा राजिंदर सिंह चीमा विदेश में होने के कारण इस आयोजन का हिस्सा नहीं बन पाए। उनकी कमी मेहसूस की गई।श्री मदन सिंह राघव की बेटी टीना ने अपने पापा की ओर से एक दिल को छूने वाला विस्तृत संदेश भेजा जिसे डा० विनोद वीर सिंह ने पढ़कर सुनाया। श्रीमती अर्चना राघव उर्फ मोना को भी वीडियो काल के जरिए सभी बैचमेट्स ने श्री मदन सिंह राघव को याद कर शुभकामनाएं ली। इस बार दक्षिण भारत से 8 बैचमेट्स ने हिस्सा लिया। श्री विनोद शर्मा खराब स्वास्थ्य के बाबजूद अपने बेटे अतुल के साथ आए। लखनऊ से डा० वी वी सिंह , उत्तराखंड से श्री रमेश चन्द्र तथा दिल्ली से श्री एच आर सिंह एवं श्री सुरेश शर्मा भी आखरी मौके पर अचानक शामिल हुए। बारिश होने के बावजूद भी सभी ने इस पुनर्मिलन कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया।

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