श्री गिरिराज धरण लीला एवं छप्पन भोग दर्शन रहे पंचम दिवस कथा के मुख्य प्रसंग

तावडू.13 नवंबर।
वंदना.

नवनिर्मित मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभ अवसर पर भागवत कथा मर्मज्ञ *भागवताचार्य गौभक्त श्रद्धेय श्री संजीव कृष्ण ठाकुर जी* के पावन सान्निध्य में कामधेनु गोधाम एवं कामधेनु मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में कामधेनु आरोग्य वैलनेस संस्थान, ग्राम-बिस्सर, तहसील-तावडू, हरियाणा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस का आनंदमय विश्राम हुआ।
नंदोत्सव, पूतना उद्धार, भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं, यमलार्जुन उद्धार, माखन चोरी लीला और गिरिराज धारण लीला आज की कथा के मुख्य प्रसंग रहे।
पंचम दिवस कथा में महाराज श्री ने बताया कि “सभी ब्रजवासी नहीं बन सकते हैं, लेकिन ब्रज उपासी अवश्य बन सकते हैं। प्रभु द्वारा सदैव भक्तों के विश्वास की रक्षा की जाती है। अपने निजी जनों का ही विश्वास था जो प्रभु को गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठाकर समस्त ब्रजवासियों की रक्षा करनी पड़ी।

आपकी पुकार में विश्वास हो तो प्रभु कभी भी और कहीं भी प्रकट हो सकते हैं। प्रभु भक्ति में विश्वास की डोर दिखती नहीं है मगर होती बहुत मजबूत है। एक बार बँध गये तो प्रभु को भी खींचने की सामर्थ्य रखती है।”
इस अवसर पर आचार्य सुशील मुनि जी के शिष्य आचार्य श्री विवेक कुमार जी महाराज* ने कहा कि भागवत सभी शास्त्रों का निचोड़ है। यह कथा अमरत्व प्रदान करती है।
आज के प्रमुख यजमान *श्रीमती शशि एस पी गुप्ता, महेंद्र जी गोयल, आयुष भाटिया,श्रीमती विशाल पायल गर्ग रहे।

कामधेनु गोधाम एवं कामधेनु मंदिर समिति के संस्थापक *डाॅ. एस. पी. गुप्ता जी IAS (से. नि.)* द्वारा कथा में पधारने पर महनीय जनों को पटका पहनाकर स्वागत-सत्कार किया गया। प्रतिदिन बड़े भाव से पधारे सभी प्रभु कथा प्रेमियों द्वारा कथा रसामृत का रसास्वादन किया जा रहा है।

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