‘पालिकाएं और जिले बड़े कुत्ता आश्रय स्थल, 24×7 हेल्पलाइन स्थापित करें’

राजमार्गों और सार्वजनिक स्थानों से बेसहारा पशुओं को हटाने के लिए समन्वित कार्य योजना

चंडीगढ़, 28 नवंबर।
सुनील कुमार जांगड़ा.

हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी विभागों, नगरपालिका निकायों और जिला प्रशासन को 11 अगस्त, 22 अगस्त और 7 नवंबर, 2025 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आवारा कुत्तों, बेसहारा पशुओं के प्रबंधन और राजमार्गों तथा सार्वजनिक संस्थानों की सुरक्षा के संबंध में जारी किए गए आदेशों को तत्काल और कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

आज यहां एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, उन्होंने कहा कि इसके लिए समन्वित कार्रवाई, तेजी से अनुपालन और सख्त क्षेत्रीय निगरानी आवश्यक है ताकि न्यायालय द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अंदर कार्य पूरा किया जा सके। उन्होंने विभागों से अपील की कि वे सटीकता, सहानुभूति और पूरी जवाबदेही के साथ काम करें ताकि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ पशु कल्याण के मानकों का भी पालन हो। नगरपालिका निकायों और ग्रामीण स्थानीय प्राधिकरणों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सीसीटीवी निगरानी, चिकित्सा सुविधाओं और प्रशिक्षित कर्मचारियों से लैस कम से कम 5,000 कुत्तों को समायोजित करने में सक्षम बड़े कुत्ता आश्रय स्थल संचालित करें।

मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि नसबंदी, टीकाकरण, टैगिंग और नियमित पशु-चिकित्सा देखभाल पूरी तरह से पशु जन्म नियंत्रण नियमों के अनुरूप हो। साथ ही, पकड़ने वाली टीमें पर्याप्त हों और डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग सिस्टम अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि हर जिला और स्थानीय निकाय आवारा कुत्तों, कुत्ते के काटने, बचाव कार्यों और छोड़ने से संबंधित शिकायतों के लिए 24×7 हेल्पलाइन स्थापित करेगा। आवारा जानवरों के साथ उचित व्यवहार को बढ़ावा देने के मकसद से जन-समूह जागरूकता अभियान भी चलाये जाएंगे। इसके अलावा, नगरपालिकाएं प्रत्येक वार्ड में डेडीकेटेड फीडिंग ज़ोन बनाएंगी और पशु कल्याण संगठनों के साथ मिलकर सुरक्षित व स्वच्छ भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करेंगी।

बैठक का एक मुख्य विषय राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और एक्सप्रेस- वे से आवारा पशुओं को हटाना था। इसमें एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग(भवन एवं सड़कें), परिवहन, नगरपालिका निकायों और पशुपालन विभाग को निरंतर संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि संवेदनशील मार्गों की पहचान कर आवारा पशुओं को सुरक्षित पकड़कर पंजीकृत गौशालाओं या चिकित्सा,भोजन और पानी की सुविधाओं से युक्त पशु आश्रय स्थलों तक पहुंचाया जा सके।राज्य स्तर पर एक ऐसा व्यापक स्वतंत्र भी बनाया जाएगा जो आवारा पशुओं को पकड़ने, ले जाने, उनके उपचार और देखभाल से संबंधित जिम्मेदारियां को स्पष्ट रूप से निर्धारित करेगा।

सभी प्राधिकरणों को पुलिस थानों और जिला नियंत्रण कक्षों से जुड़ी, चौबीसों घंटे काम करने वाली हाइवे पेट्रोल टीमें तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सड़क किनारे हेल्पलाइन नंबर भी प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे ताकि तत्काल रिपोर्टिंग हो सके। इसके अलावा, उपायुक्तों को सर्वोच्च न्यायालय की हिदायतों के अनुसार स्कूलों, अस्पतालों, खेल परिसरों, बस अड्डों, डिपो और रेलवे स्टेशनों की पहचान में तेजी लाने और हर परिसर को फेंसिंग, कार्यशील गेट और आवश्यक संरचनात्मक सुरक्षा उपायों से लैस करने के निर्देश दिए गए हैं।

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री विकास गुप्ता ने निर्देश दिए कि हर संस्थान में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। अस्पतालों को पर्याप्त मात्रा में एंटी-रेबीज़ टीके और इम्युनोग्लोबुलिन स्टॉक रखना होगा। स्कूलों में पशु व्यवहार और प्राथमिक उपचार पर जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे। खेल स्टेडियमों में समर्पित कर्मियों द्वारा सतर्कता बढ़ाई जाएगी। साथ ही, रेलवे तथा परिवहन सुविधाओं में कूड़ा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत कर आवारा जानवरों के आवास को रोका जाएगा।

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