नूंह.04 मई।
गौरीश.

पुलिस प्रवक्ता द्वारा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार साइबर अपराध शाखा नूंह ने एक बड़े ऑनलाइन फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आरोपी मोहम्मद जाहिद को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी आर्मी ऑफिसर बनकर आम लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना रहा था। आरोपी राजस्थान के डीग जिले के टायरा गांव का रहने वाला है।
पुलिस के अनुसार साइबर टीम ने प्रतिबिंब पोर्टल पर एक्टिव संदिग्ध मोबाइल नंबर को ट्रैक किया, जो केरल के कन्नूर में 9000 रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी में पहले से ही चिन्हित था । तकनीकी माध्यम से निरीक्षक विमल प्रभारी साइबर थाना नूंह के नेतृत्व में गठित टीम आईटीआई मरोड़ा के पास पहुंची, जहां आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा गया। तलाशी के दौरान आरोपी के पास से 3 स्मार्टफोन, 6 मोबाइल सिम कार्ड, कई फर्जी सोशल मीडिया के प्रोफाइल, नकली आर्मी फोटो, फेक कियू-आर-कोड यूपीआई आईडी, और डिजिटल पेमेंट ऐप्स से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियां पाई गईं । जांच में सामने आया कि आरोपी व्हाट्सएप पर आर्मी अफसर की फर्जी प्रोफाइल लगाकर लोगों को झांसे में लेता था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल नूंह साइबर थाना पुलिस यह जांच कर रही है कि आरोपी इस गिरोह में अकेला था या उसके साथ और भी लोग शामिल हैं। निरीक्षक विमल प्रभारी साइबर थाना नूंह ने बताया कि ऑनलाइन ठगी से जुड़े ऐसे मामलों पर अब टेक्निकल सर्विलांस के जरिए लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे किनारे से तीन साइबर ठगों की गिरफ्तारी।
फर्जी सिम और मोबाइल से ठगी का खुलासा।

नूंह जिले में साइबर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन साइबर ठगों को धर दबोचा है। ये आरोपी फर्जी सिम और मोबाइल फोन के जरिए देशभर में साइबर ठगी कर रहे थे। इनकी गतिविधियों का भंडाफोड़ प्रतिबिंब पोर्टल और तकनीकी जांच के आधार पर किया गया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि एसपी राजेश कुमार के आदेश पर अपराध की रोकथाम हेतु सीआईए स्टाफ नूंह की टीम गश्त कर रही थी। उसी दौरान गुप्तचर के माध्यम से एक संदिग्ध मोबाइल नंबर की नूंह क्षेत्र में सक्रिय होने की सूचना मिली। जिस पर बेंगलुरु से साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज है। तकनीकी लोकेशन के आधार पर पुलिस टीम ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास महू गांव (अलवर रोड) पर छापेमारी की। पुलिस टीम को देखकर तीन युवक भागने लगे जिन्हें घेराबंदी करके पकड़ लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपनी पहचान मुस्तकिम पुत्र आजाद गांव महू, नूंह, खालिद पुत्र रूकमुदीन ग्वालदा, जिला अलवर, सौहेल पुत्र आजाद गांव महू, नूंह बताई। तीनों के पास से संदिग्ध मोबाइल फोन बरामद हुए जिनमें व्हाट्सएप चैट, गूगल पे, फिनो पेमेंट्स ऐप और फर्जी लेन-देन की प्रैंक एप्स पाई गईं। मोबाइल डेटा से पता चला कि आरोपी ऑनलाइन फर्जी लेन-देन और रूपये क्रेडिट के फर्जी मैसेज भेजकर लोगों से धोखाधड़ी करते थे। जांच में यह भी सामने आया कि दो मोबाइल नम्बरों से संबंधित बेंगलुरु और त्रिपुरा में साइबर फ्रॉड के केस दर्ज हैं। साइबर थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। बरामद मोबाइल फोन, सिम और एप्स को जब्त कर तकनीकी जांच के लिए भेजा गया है।

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