
पलवल.24 मई।
सुनील कुमार जांगड़ा.
पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, आईपीएस ने बताया कि आजकल तकनीक के दौर में अलग-अलग तरह से लोगों को ऑनलाइन सुविधाएं मिल रही है। जिसके माध्यम से लोग अपने ज्यादातर काम करने के लिए तकनीक पर ही निर्भर हैं। साइबर अपराधी इस निर्भरता का फायदा उठा कर लोगों को साइबर अपराध का शिकार बनाते है। साइबर ठगी के लिए साइबर अपराधी लोगों को विभिन्न प्रकार से लालच देते हैं, जिनमें से कुछ बड़े प्रकार के टेलीग्राम टास्क फ्रॉड, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फ्रॉड, लोन फ्रॉड, अश्लील विडियो बनाकर ब्लैकमेल करना, क्यू आर/यू पी आई के माध्यम से लोगों के खाते में पैसे डलवाने का लालच देना, बैंक अधिकारी बनकर ओटीपी प्राप्त करना प्रमुख है। जागरूक रहकर अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को ठगी का शिकार होने से बचाए।
साइबर फ्रॉड से बचावः-पुलिस अधीक्षक ने साइबर फ्रॉड से बचाव बारे जागरूक करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोई ऐप डाउनलोड ना करें। सोशल मीडिया पर भेजी गई लिंक का प्रयोग ना करें। किसी भी अनजान नंबर से आए हुए लिंक पर क्लिक न करें। यदि आपको अपने खाते के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त करनी है तो बैंक के द्वारा निर्धारित की गई एप के द्वारा ही जानकारी प्राप्त करें। अगर आपके पास किसी अनजान नम्बर से किसी ऑफर व किसी प्रकार का लाभदेने के संबंध में कॉल आए तो पंजीकृत नम्बर से जानकारी ले और अपनी गोपनीय जानकारी जैसे बैक खाते, पैन कार्ड, आधार कार्ड की जानकारी सांझा ना करें। यदि कोई व्यक्ति आपको फोन या मैसेज करके कम समय में ज्यादा पैसे कमाने का लालच देता है तो समझ जाए कि वह साइबर ठग है। लाल रंग से ताले के निशान कटे होने वाली वेबसाइट को खोलने से बचें फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच कर लें। साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत 1930 पर कॉल कर शिकायत करें व अपने नजदीकी थाना में जाकर साइबर हेल्प डेस्क पर अपनी शिकायत दें ।