• जाने Intermittent Fasting के प्रभाव
  • Weight -loss के लिए क्या करें, Calorie Cut या Intermittent Fasting

26 जनवरी, नई दिल्ली। आज के समय में हर व्यक्ति अपने स्वास्थय और अपने लुक्स को लेकर जागरूक होता चला जा रहा है। जहाँ पिछले कुछ दशकों में मधुमेह, ह्रदय रोग और मोटापे से जुडी बाकी बिमारियों के बारे में जागरूक होता जा रहा है। वहीँ बुरी डाइटरी आदतों और लाइफस्टाइल के प्रभावों के बारे में हमारा समाज दिन प्रतिदिन जकड़ता जा रहा है। ऐसे में हमे जानना ज़रूरी है की इस समय हमें अपनी लाइफ के बैलेंस को कैसे बनाए रखना है। ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी प्रचलित हो चला है।
इसी विषय पर डॉ राज कुमार मिढ़ा ने बताया की बॉडी को फिट रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को प्रोटोकॉल के साथ करने में ही भलाई है। अचानक से कैलोरी कम कर देने या लम्बी अवधि की फास्टिंग से बॉडी पर कई तरह के प्रभाव पद सकते हैं।

क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?

इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी आप थोड़े थोड़े अंतराल पर फ़ास्ट करें। दिन में किसी समय आप फास्टिंग करें और बाकी समय अपनी रेगुलर डाइट फॉलो करें। या कुछ घंटे की फास्टिंग करें या लिक्विड डाइट पर रहे। हफ्ते के कुछ दिन फास्टिंग करें या हलकी या लिक्विड डाइट पर रहें। या छोटे यानी 500 कैलोरी से काम के मील लें।

डॉ आर के मिढ़ा रोहिणी, दिल्ली में 35 वर्षों से एक डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर रहे है। डॉ. आर के मिढ़ा रोहिणी, दिल्ली में अवंतिका अस्पताल और रोहिणी सेक्टर 3, दिल्ली में अवंतिका मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में अभ्यास करते हैं। उन्होंने 1986 में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पूरा किया। वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) के सदस्य हैं।

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