• सूचना बोर्ड पर विवरण लिखवाए जिसका खर्च हमारी संस्था फीवा उठाने को तैयार :देओल
  • लाइन में फाल्ट या कमी को दुरुस्त करने का कार्य जारी है:कार्यकारी अभियंता

सुनील कुमार जांगड़ा

वरिष्ठ समाजसेवी एवं फीवा के महासचिव गुरमीत सिंह देओल ने बताया कि सेक्टर. 12 व 13 की डिवाइडिंग रोड और सेक्टर 14 बीपीटीपी गुड़गांव कैनाल पुल से लेकर वर्ल्ड स्ट्रीट तक बल्कि डीपीएस चौक से अमोलिक चौक तक स्ट्रीट लाइटें दिन भर जलती रहती हैं।

जहां सरकार बड़े-बड़े ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है के बैनर और स्लोगन लगवा कर लोगों को जागरूक करने पर लाखों करोड़ों रुपए विज्ञापन पर खर्च कर रही है। वहीं दूसरी ओर स्वयं एचएसवीपी इलेक्ट्रिकल विंग के अधिकारियों की अनदेखी और कर्मचारियों की घोर लापरवाही एवं ठेकेदार ऊर्जा का दुरुपयोग कर रहे हैं। इनसे कई बार इस विषय में अनुरोध किया जा चुका है। लेकिन कहीं भी किसी प्रकार का सुधार अब तक नहीं हुआ। यदि विभाग ऑन ऑफ स्विच की लोकेशन व संख्या बताएं तो वहां पर डेड बाई 2 फुट का एक-एक सूचना बोर्ड लगवा कर संबंधित अधिकारी, ठेकेदार, एसडीओ, जेई इलेक्ट्रिशियन, लाइनमैन इत्यादि के मोबाइल नंबर उस सूचना बोर्ड पर लिखवाए जाएं। इस पर आने वाला खर्च भी हमारी संस्था फीवा उठाने के लिए तैयार है।

अगली कड़ी में समाजसेवी देओल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से अपील करते हुए संदेश में कहा कि कृपया करके संबंधित अधिकारी अपने प्रभाव का सदुपयोग कर इस प्रकार की स्ट्रीट लाइटों को दिनभर जलता छोड़कर ऊर्जा के दुरुपयोग होने से रोकने के दिशा निर्देश जारी करें अन्यथा ऐसी परिस्थिति में सरकार और संबंधित विभाग द्वारा बिजली बचाओ अर्थात ऊर्जा जागरूकता संदेश का कोई औचित्य नहीं रह जाता। इसलिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों को कड़े आवश्यक निर्देश जारी करने की आवश्यकता है।

हालांकि संबंध में कार्यकारी अभियंता ने संवाददाता को वार्तालाप के दौरान बताया कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कर्मचारी कार्य कर रहे हैं जहां जिस लाइन में कोई फाल्ट या कमी है उसको दुरुस्त करने का कार्य जारी है इसलिए लाइन को चेक करने के दौरान लाइन चालू करनी आवश्यक है यह प्रक्रिया लगभग एक सप्ताह तक जारी रहेगा हालांकि इस संबंध में संबंधित एसडीओ ने सूचना बोर्ड पर विवरण लिखवाए खर्च भी हमारी संस्था फीवा उठाने के लिए तैयार है हालांकि संबंधित विभाग के एसडीओ ने कर्मचारियों और ठेकेदार की लापरवाही भी स्वीकार की है।

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